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| Ratan Tata |
Ratan Tata Biography, Amazing Facts About Ratan Tata, Awards,
जन्म – 28 दिसम्बर 1937, सूरत, गुजरात, भारत
वर्तमान निवास – कुलाबा मुंबई, भारत
जाति – पारसी
पिता का नाम – नवल टाटा
माता का नाम – सोनू टाटा
पेश – एक बिजनेसमैन और निवेशक
धर्म – पारसी
शिक्षा प्राप्त – कोनरेल विश्वविद्यालय और हार्वड विश्वविद्यालय से
शादी – विवाह नहीं किया
सम्बन्धी – सिमोन टाटा (सौतली माँ)
जे आर डी टाटा (चाचा)
नोएल टाटा (सौतेला भाई)
सम्मान – भारत सरकार की तरफ से पद्दम भूषण
नैनो कार – रतन टाटा की देन हैं जो भारत की सबसे सस्ती कार हैं.
टाटा इण्डस्ट्री – 1981 में टाटा समूह और ग्रुप के अध्यक्ष बनें
रतन नवल टाटा (28 दिसंबर 1937, को मुम्बई, में जन्मे) टाटा समुह के वर्तमान अध्यक्ष, जो भारत की सबसे बड़ी व्यापारिक समूह है, जिसकी स्थापना जमशेदजी टाटा ने की और उनके परिवार की पीढियों ने इसका विस्तार किया और इसे दृढ़ बनाया।
आरम्भिक जीवन :
रतन टाटा नवल टाटा के पुत्र थे, जिसे नवाजबाई टाटा ने अपने पति की मृत्यु के बाद दत्तक ले लिया था। रतन टाटा के माता-पिता नवल और सोनू 1940 के मध्य में अलग हूए। अलग होते समय रतन 10 साल के और उनके छोटे भाई सिर्फ 7 साल के ही थे। उन्हें और उनके छोटे भाई, दोनों को उनकी बड़ी माँ नवाईबाई टाटा ने बड़ा किया था. कैंपियन स्कूल, मुम्बई से ही रतन टाटा ने स्कूल जाना शुरू किया और कैथेड्रल में ही अपनी माध्यमिक शिक्षा प्राप्त की और जॉन केनौन स्कूल में दाखिल हुए. वही वास्तुकला में उन्होंने अपनी B.Sc की शिक्षा पूरी की। साथ ही कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से 1962 में संचारात्मक इंजीनियरिंग और 1975 में हार्वर्ड बिज़नस स्कूल से एडवांस मैनेजमेंट प्रोग्राम का अभ्यास किया। टाटा अल्फा सिग्मा फाई बन्धुत्वता के सदस्य भी है। रतन टाटा का ऐसा मानना है की परोपकारियों को अलग नजरिये से देखा जाना चाहिए। पहले परोपकारी अपनी संस्थाओ और अस्पतालों का विकास करते थे जबकि अब उन्हें देश का विकास करने की जरुरत है।
सन् 1887 में टाटा एंड संस की स्थापना करने वाले जमशेदजी नुसेरवांजी के बड़े बेटे सर दोराबजी टाटा सन् 1904 में अपने पिता के निधन के बाद कंपनी की कमान संभाली। लेकिन 1932 में वो भी परलोक सिधार गये। लेकिन उस समय कंपनी को संभालने वाला कोई नहीं था, क्योंकि सर दोराबजी टाटा की कोई संतान नहीं थी। इसलिए इस बार कंपनी की कमान उनकी बहन के बड़े बेटे सर नॉवरोजी सकटवाला को दे दी गयी।
करीयर :
भारत लौटने से पहले रतन ने लॉस एंजिल्स, कैलिफोर्निया, में जोन्स और एमोंस में कुछ समय कार्य किया। उन्होंने टाटा ग्रुप के साथ अपने करियर की शुरुआत सन 1961 में की। शुरुआती दिनों में उन्होंने टाटा स्टील के शॉप फ्लोर पर कार्य किया। इसके बाद वे टाटा ग्रुप के और कंपनियों के साथ जुड़े। सन 1971 में उन्हें राष्ट्रीय रेडियो और इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी (नेल्को) में प्रभारी निदेशक नियुक्त किया गया। 1981 में उन्हें टाटा इंडस्ट्रीज का अध्यक्ष बनाया गया। सन 1991 में जेआरडी टाटा ने ग्रुप के अध्यक्ष पद को छोड़ दिया और रतन टाटा को अपना उत्तराधिकारी बनाया।
28 दिसंबर 2012 को वे टाटा समूह के सभी कार्यकारी जिम्मेदारी से सेवानिवृत्त हुए। उनका स्थान 44 वर्षीय साइरस मिस्त्री ने लिया। हालाँकि टाटा अब सेवानिवृत्त हो गए हैं फिर भी वे काम-काज में लगे हुए हैं। 28 दिसंबर 2012 को वे टाटा समूह के सभी कार्यकारी जिम्मेदारी से सेवानिवृत्त हुए। उनका स्थान 44 वर्षीय साइरस मिस्त्री ने लिया। हालाँकि टाटा अब सेवानिवृत्त हो गए हैं फिर भी वे काम-काज में लगे हुए हैं। अभी हाल में ही उन्होंने भारत के इ-कॉमर्स कंपनी स्नैपडील में अपना व्यक्तिगत निवेश किया है। इसके साथ-साथ उन्होंने एक और इ-कॉमर्स कंपनी अर्बन लैडर और चाइनीज़ मोबाइल कंपनी जिओमी में भी निवेश किया है।
Ratan Tata टाटा ने अपने करियर की शुरुवात टाटा ग्रुप के साथ 1961 में की थी | इसके लिए सबसे पहले उनको जमशेदपुर के टाटा स्टील प्लांट में भेजा गया जहा के कारीगरों के साथ मिलकर उन्होंने काम की बारीकिय सीखी थी | 1971 में वो उन दिनों वित्तीय संकट से झुझ रही नेल्को कम्पनी के डायरेक्टर बने | 1991 में जे.आर.डी टाटा ने टाटा संस के चेयरमैन के रूप में रतन टाटा को उनका उत्तराधिकारी घोषित किया और उनको सारा कार्यभार सौंप दिया | 1991 में टाटा ग्रुप को सम्भालने के बाद उन्होंने कम्पनी को इतनी उचाइयो तक पहुचाया है जिसे हम अभी वर्तमान में देख रहे है |
26 मार्च 2008 को उन्होंने फोर्ड मोटर कम्पनी से “जगुआर और लैंडरोवर ” खरीदकर उसकी भारत में बिक्री शुरू की | 26 जनवरी 2000 को को उन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया गया और इसके बाद 2006 को उनको दूसरा बड़ा नागरिक सम्मान “पद्मविभूषण ” से भी सम्मानित किया गया | उनको लन्दन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स से मानद की उपाधि भी दी गयी | 2007 में उन्हें विश्व के 25 सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों की सूची में रखा गया |
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| Business Man |
विचार :
1. आगे बढ़ने के लिए जीवन में उतर-चढ़ाव बहुत ज़रूरी हैं, क्योंकि ईसीजी में भी एक सीधी लाइन का मतलब होता है कि हम जिंदा नहीं हैं।
2. सत्ता और धन मेरे दो प्रमुख सिद्धांत नहीं हैं।
3. मैं निश्चित रूप से राजनीति में नहीं शामिल होऊंगा। मैं एक साफ़-सुथरे बिजनेसमैन के तौर पे याद किया जाना पसंद करूँगा, जिसने सतह के नीचे की गतिविधियों में हिस्सा ना लिया हो, और जो काफी सफल रहा हो।
4. यदि ये सार्वजानिक जांच की कसौटी पर खरा उतरता है तो इसे करो…अगर ये ये सार्वजानिक जांच की कसौटी पर खरा नहीं उतरता है तो इसे मत करो।
5. मैं लगातार लोगों से लोगों को प्रोत्साहित करने, जिसपर सवाल न उठा हो उसपर सवाल उठाने, नए विचार सामने लाने में शर्मिंदा ना होने, और चीजों को करने के लिए नयी प्रक्रियाओं को बताने के लिए कहता रहा हूँ।
6. ऐसी कई चीजें हैं, जो अगर मुझे दोबारा जीने के मौका मिले तो शायद मैं अलग ढंग से करूँगा। लेकिन मैं पीछे मुड़कर ये नहीं देखना चाहूँगा कि मैं क्या नहीं कर पाया।
7. मैं कहूँगा कि एक चीज जो मैं अलग ढंग से करना चाहता वो है और अधिक आउटगोइंग होना।
8. कोई लोहे को नष्ट नहीं कर सकता, लेकिन उसकी अपनी जंग कर सकती है! उसी तरह कोई किसी इंसान को बर्बाद नहीं कर सकता, लेकिन उसकी अपनी मानसिकता कर सकती है।
9. अब से सौ साल बाद, मैं टाटा ग्रुप को जितना वो अब है उससे कहीं बड़ा देखना चाहता हूँ। इससे भी ज़रूरी बात, मैं आशा करता हूँ कि ग्रुप को भारत में बेस्ट माना जाए.. जिस तरीके से हम ऑपरेट करते हैं उसमे बेस्ट, जो प्रोडक्ट्स हम देते हैं उसमे बेस्ट, और हमारे वैल्यू सिस्टम्स और एथिक्स में बेस्ट। इतना कहने के बाद, मैं आशा करता हूँ कि सौ साल बाद हम अपने पंख भारत से कहीं दूर तक फैला पायेंगे।
10. पीपल’स रिपब्लिक ऑफ़ चाइना का पोलिटिकल सिस्टम चीजों को आसान बना सकता है। निर्णय तेजी से लिए जाते हैं और परिणाम भी जल्दी आते हैं। दूसरी तरफ, हमारे लोकतंत्र में [भारत में ], ऐसी चीजें बहुत कठिन हैं।
रतन टाटा से जुड़े कुछ रोचक तथ्य (Amazing Facts About Ratan Tata) :
*. टाटा समूह के अंदर 110 कंपनी आती हैं जिसमे टाटा चाय से लेकर पांच सितारा होटल तक, सुई से लेकर स्टील तक और लखटकिया नैनो से लेकर हवाई जहाज तक सब बनाते है.
*. रतन टाटा को पालतू जानवरों से बहुत ही लगाव हैं.
*. टाटा को हवाई जहाज उड़ाना भी पसंद है उन्हें इसके लिये लाइसेंस भी मिला है.
*. रतन टाटा को भारत सरकार की तरफ से पद्दम भूषण और पद्दम विभूषण मिल चूका हैं.
*. रतन टाटा को 4 बार प्यार हुआ लेकिन कभी शादी नहीं की क्योंकि रतन टाटा और प्यार की बीच कुछ अड़चने भी आई थी.
*. रतन टाटा का जन्म 28 दिसम्बर 1937 को गुजरात के सूरत में हुआ था. पिता नवल और माता सोनू ने रतन टाटा को गोद लिया था. मात्र 10 साल की उम्र में इनके माता -पिता इनसे अलग हो गये थे तब नवल और सोनू ने इनका पालन-पोषण किया था.
*. रतन टाटा को पालतू जानवरों से बहुत ही लगाव हैं.
*. टाटा को हवाई जहाज उड़ाना भी पसंद है उन्हें इसके लिये लाइसेंस भी मिला है.
*. रतन टाटा को भारत सरकार की तरफ से पद्दम भूषण और पद्दम विभूषण मिल चूका हैं.
*. रतन टाटा को 4 बार प्यार हुआ लेकिन कभी शादी नहीं की क्योंकि रतन टाटा और प्यार की बीच कुछ अड़चने भी आई थी.
*. रतन टाटा का जन्म 28 दिसम्बर 1937 को गुजरात के सूरत में हुआ था. पिता नवल और माता सोनू ने रतन टाटा को गोद लिया था. मात्र 10 साल की उम्र में इनके माता -पिता इनसे अलग हो गये थे तब नवल और सोनू ने इनका पालन-पोषण किया था.
सम्मान और पुरस्कार
भारत सरकार ने रतन टाटा को पद्म भूषण (2000) और पद्म विभूषण (2008) द्वारा सम्मानित किया। ये सम्मान देश के तीसरे और दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान हैं। उनको मिले अन्य उल्लेखनीय पुरस्कार इस प्रकार हैं:
| वर्ष | पुरस्कार | संगठन |
| 2015 | मानद | एचईसी पेरिस |
| 2015 | ऑटोमोटिव इंजीनियरिंग की मानद डॉक्टर | क्लेमसन विश्वविद्यालय |
| 2014 | कानून की मानद डॉक्टर | न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय, कनाडा |
| 2014 | ब्रिटिश साम्राज्य के आदेश के मानद नाइट ग्रैंड क्रॉस | यूनाइटेड किंगडम |
| 2014 | सयाजी रत्न पुरस्कार | बड़ौदा मैनेजमेंट एसोसिएशन |
| 2014 | व्यापार के मानद डॉक्टर | सिंगापुर मैनेजमेंट यूनिवर्सिटी |
| 2013 | डॉक्टरेट की मानद उपाधि | एम्स्टर्डम विश्वविद्यालय |
| 2013 | व्यापार व्यवहार के मानद डॉक्टर | कार्नेगी मेलॉन विश्वविद्यालय |
| 2013 | अर्नस्ट और वर्ष का सर्वश्रेष्ठ युवा उद्यमी – लाइफटाइम अचीवमेंट | अर्न्स्ट एंड यंग |
| 2013 | विदेश एसोसिएट | नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग |
| 2012 | व्यापार मानद डॉक्टर | न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय |
| 2012 | मानद फैलो | इंजीनियरिंग की रॉयल अकादमी |
| 2010 | इस साल के बिजनेस लीडर | एशियाई पुरस्कार |
| 2010 | कानून की मानद डॉक्टर | पेपरडाइन विश्वविद्यालय |
| 2010 | लीडरशिप अवार्ड में लीजेंड | येल विश्वविद्यालय |
| 2010 | शांति पुरस्कार के लिए ओस्लो व्यापार | शांति प्रतिष्ठान के लिए व्यापार |
| 2010 | हैड्रियन पुरस्कार | विश्व स्मारक कोष |
| 2010 | लॉ की मानद डॉक्टर | कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय |
| 2009 | इतालवी गणराज्य की मेरिट के आदेश के ‘ग्रैंड अधिकारी’ का पुरस्कार | इटली की सरकार |
| 2009 | 2008 के लिए इंजीनियरिंग में लाइफ टाइम योगदान पुरस्कार | इंजीनियरिंग इंडियन नेशनल एकेडमी |
| 2009 | ब्रिटिश साम्राज्य के आदेश के मानद नाइट कमांडर | यूनाइटेड किंगडम |
| 2008 | प्रेरित होकर लीडरशिप अवार्ड | प्रदर्शन रंगमंच |
| 2008 | मानद फैलोशिप | इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संस्थान |
| 2008 | मानद नागरिक पुरस्कार | सिंगापुर सरकार |
| 2008 | साइंस की मानद डॉक्टर | इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी खड़गपुर |
| 2008 | साइंस की मानद डॉक्टर | इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी मुंबई |
| 2008 | लॉ की मानद डॉक्टर | कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय |
| 2008 | लीडरशिप अवार्ड | लीडरशिप अवार्ड |
| 2007 | परोपकार की कार्नेगी पदक | अंतर्राष्ट्रीय शांति के लिए कार्नेगी एंडोमेंट |
| 2007 | मानद फैलोशिप | अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान के लंदन स्कूल |
| 2006 | जिम्मेदार पूंजीवाद पुरस्कार | |
| 2006 | साइंस की मानद डॉक्टर | इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी मद्रास |
| 2005 | साइंस की मानद डॉक्टर | वारविक विश्वविद्यालय |
| 2005 | अंतर्राष्ट्रीय गणमान्य अचीवमेंट अवार्ड | |
| 2004 | प्रौद्योगिकी के मानद डॉक्टर | एशियन इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी |
| 2004 | उरुग्वे के ओरिएंटल गणराज्य की पदक | उरुग्वे की सरकार |
| 2001 | बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन के मानद डॉक्टर | ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी |


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